
मेरे पंख
छाया की कलम से . . .

शब्दों से खेलना कवितायें लिखना मुझे बचपन से ही बहुत पसंद था पर ज्यादा लिखती नही थी या फिर शायद मुझे पता ही नही था कि लिखना मुझे इतना अच्छा लगता है यह मुझे आत्मसंतुष्टि देता है ! जब मैं लिखती हूँ उस वक़्त मैं शब्दों से बातें करती हूँ मन को पंख लग जाते है ! अब तो लगता है मेरी लेखन ही मेरा परिचय है और इसतरह ही मैं खुद से और लोगों से जुड़ पाती हूँ ! हाँ , मेरी कवितायें ही मेरा परिचय है ! एक कवयित्री के रुप में मैं अपने जीवन की जटिलताओं में भी सौंदर्य को देखती हूँ

सुबह वो सुकून है
जो अंधरे को मिटा कर आता है,
एक नई ताजगी के साथ आता है,
एक नई प्रेरणा के साथ आता है,
जीवन में कोई वेदना है तो उसे मिटा,
सुकून ले कर आता है हर सुबह.
-छाया
लिखते हुये मैं प्रकृति के सौंदर्य को निहार पाती हूँ ! सूर्य की गर्मी, चाँद की शीतलता, पुष्प का सौंदर्य, सावन की फुहार, सरिता का शांतचित्त, समन्दर का वेग, हवाओं की सरसराहट को महसूस कर पाती हूँ

प्रेम, मानव हृदय की कोमल भावनायें इन सब से मेरा परिचय मेरी कविताओं ने ही करवाया ! लेखन ने मेरे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया
- ज़िंदगी अभी बाकी हैकेन्सर मोटिवेशनल किताब अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर उपलब्घ है।
- ज़िन्दगी अभी बाकी है…मेरी तीसरी किताब जो कि मैंने “केन्सर” पर लिखा है ,बस आपके समक्ष आने ही वालीपढ़ना जारी रखें “ज़िन्दगी अभी बाकी है…”
- “मेरी उम्मीद क़ी ओर” पुस्तक विमोचन“मेरी उम्मीद क़ी ओर” पुस्तक का विमोचन 26 मार्च को हुआ । मेरी दूसरी कविताओं क़ीपढ़ना जारी रखें ““मेरी उम्मीद क़ी ओर” पुस्तक विमोचन”
- “मेरी उम्मीद की ओर”मेरी उम्मीद की ओर,मेरे ख्याल हो जैसे…❤
- “मेरी उम्मीद की ओर”मेरी दूसरी पुस्तक “मेरी उम्मीद की ओर ” अमेजॉन ,फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध हैं । जरूर पढ़ेपढ़ना जारी रखें ““मेरी उम्मीद की ओर””
- पुस्तक “एक प्याली चाय” की एक सुन्दर रचना ❤
- “एक प्याली चाय “
- “एक प्याली चाय”मेरी पहली पुस्तक ” एक प्याली चाय “….❤ https://www.flipkart.com/ek-pyali-chai/p/itma8e652f8c61e5?pid=9789391078096
- ख्यालों को . . .ख्यालों को शायद मैं बहुत पसंद हूँ,हमेशा मेरे आसपास मंडराती रहती है,मुस्कुराहटों को शायद मेरे मुखमंडलपढ़ना जारी रखें “ख्यालों को . . .”
- विश्वास . . .विश्वास एक फूल है,जो सबके दिलों में सबके लिये,अलग- अलग रंगों में खिलते है,कहीं कम कहींपढ़ना जारी रखें “विश्वास . . .”
- खुशियाँ वो . . .खुशियाँ वो जो,हमें उड़ने के लिये मज़बूर कर दे,कहे कि सारा आसमां तुम्हारा है,खुशियों के पंखोंपढ़ना जारी रखें “खुशियाँ वो . . .”
- प्यार का आसमान . . .प्यार का आसमान,विशाल अनंत असीमित,कितना भी मिले कम लगे,विशालतम सरल ठंडक देता,अहं से परे हो जिसकापढ़ना जारी रखें “प्यार का आसमान . . .”
- मेरा मनमेरा मन एक खिड़की है,जिसे मैं हर दिन खोलती साफ करती हूँ,सूरज की तेज रोशनी सेपढ़ना जारी रखें “मेरा मन”
- रंगजीवन में जब कोई रंग नही होता,हम रंगों से भरने की कोशिश करते है,केनवास पर हरपढ़ना जारी रखें “रंग”
- प्यार की मोमबत्तीप्यार एक मोमबत्ती है,जिसकी लौ हमें सिखाती है,प्यार झरने का पानी नही है,कि तेज बहाव सेपढ़ना जारी रखें “प्यार की मोमबत्ती”
- मैंने . . .मैंने दर्द लिखा उसने इश्क,मैंने चाय लिखा उसने चाय की,कुल्लर ही थमा दी . . .पढ़ना जारी रखें “मैंने . . .”
- ईश्वर का उपहारदोस्त ईश्वर का दिया वो उपहार है,जिसके साथ हम दिल से मुस्कुराते है,उसकी खामोशियों की वजहपढ़ना जारी रखें “ईश्वर का उपहार”
- दोस्ती का धागादोस्ती एक धागा है,बस जोड़ने की कला जानता है,टूटे हुये दिल को मीठी बातों से जोड़तापढ़ना जारी रखें “दोस्ती का धागा”
- खामोशियों में . . .खामोशी मुझे प्रेरित करती है,जीवन को सकारात्मक रूप से देखूं,हरतरफ अँधेरा हो तब भी रोशनी देखूं,फूलोंपढ़ना जारी रखें “खामोशियों में . . .”
- बिखरनाबिखरने के बाद भी,कुछ चीजें खुबसूरत लगती है,सूरज किरणें नही बिखेरता,तो इतना तेजस्वी नही होता,चन्दा अपनीपढ़ना जारी रखें “बिखरना”
- मुस्कुराता अँधेराबारिश की बूँदें अँधेरे में,मोतियों जैसे झिलमिलाती है,अँधेरा मुस्कुराता है उस रोशनी में,धीरे-धीरे टप टपक आवाजपढ़ना जारी रखें “मुस्कुराता अँधेरा”
- गमजो कही जाये वहीं गम नही,जो दिखाई दे वहीं खुशी नही,सोचो अगर काँटे ना होते तो,हिफाजतपढ़ना जारी रखें “गम”
- तीलउसके गालों पर तील,और बारिश दोनो मुझे,अपनी ओर खींचती है . . . – छाया
- बादल को भी इंतजार है . . .इसतरह तो बात,नहीं हो पायेगी तुमसे,बस मैं बोलू और तुम चुप रहो,कभी तो खामोशी को तोड़पढ़ना जारी रखें “बादल को भी इंतजार है . . .”
- आज मैंनेआज मैंने यादों की झील में फेंका एक कंकर,वो भी डूब गयी झील के पानी केपढ़ना जारी रखें “आज मैंने”
- तेरे आ जाने से . . .तेरे आ जाने से,कुछ ज्यादा बदला नही,सब वैसे ही है वहीं शाम,वही सवेरा बारिश की बूँदें,भीपढ़ना जारी रखें “तेरे आ जाने से . . .”
- रात से संवाद . . .रात तो मेरी बहुत अच्छी सहेली है ! सारे मन की बात करती हूँ मैं इससेपढ़ना जारी रखें “रात से संवाद . . .”
- बादल आयेबादल आये उससे मिलने,गरज-गरज कर आवाज़ देते रहे,जब उसने खिड़की खोली देख बादल,आँसू आये उसकी बारिशपढ़ना जारी रखें “बादल आये”
- बूँद – बूँदबूँद-बूँद जीवन बरसे, मनवा काहे तू तरसे,हर बूँद में है एक आशा,हर बूँद में है एक अपनापन,मनपढ़ना जारी रखें “बूँद – बूँद”
- कोशिशेंकितनी भी कोशिशें कर लूँ,दरवाजे बन्द कर लूँ खिड़कीया भी,धूप मेरे मन के आँगना में चलीपढ़ना जारी रखें “कोशिशें”
- एक शामएक शाम बैठी थी, अशांत मन के साथ, मन को उथल – पुथल, करते अनगिनत सवाल,पढ़ना जारी रखें “एक शाम”
- आषाढ़ी मेघआषाढ़ी मेघ अम्बर को घेरे,गरज रहे है जोर- जोर से,जैसे कह रहे हो थोड़ा सुकून,मुझे भीपढ़ना जारी रखें “आषाढ़ी मेघ”
- मेरी तरफ देख जिन्दगीजिन्दगी मेरी तरफ़ भी देख,किस बात से खफा है तू,जिन्दगी एकबार मेरी तरफ भी देख,एक कपपढ़ना जारी रखें “मेरी तरफ देख जिन्दगी”
- फूल खिले थेमेरे दिल में फूल खिले थे,दिल मुरझाता गया और,एक-एक पंखुडियां सुख-सुख,कर गिरती गयी . . .पढ़ना जारी रखें “फूल खिले थे”
- उम्मीद की एक बूंदउम्मीद कि एक बूंद,प्रेरणा के लिये बहुत है,नये दिवस के लिये बहुत है,जीवन जीने के लियेपढ़ना जारी रखें “उम्मीद की एक बूंद”
- एक शामएक शाम ऐसी भी होगी,जब आसमां को घन ने ढक रखा होगा,आषाढ़ के मेघ जो कभीपढ़ना जारी रखें “एक शाम”
- आखिरी ख्वाहिशमेरी पहली और आखिरी ख्वाहिश,मैं हमेशा खुश रहूँ दिल से हँसा करूँ,आसमां तले बाँहें फैला बादलोंपढ़ना जारी रखें “आखिरी ख्वाहिश”
- तुम और गुलाबतुम और गुलाब,एक जैसे हो,ख़याल आते ही हृदय,खुशबू से महक उठता है,कोमल स्पर्श को महसूस करतापढ़ना जारी रखें “तुम और गुलाब”
- दिल का कोनामेरे दिल का कोना,कुछ किताबों कुछ नज्मों से भरा है,कुछ सूखे फूल है यादों के गुलदस्तेपढ़ना जारी रखें “दिल का कोना”
- तेरी आदततेरी आदत ऐसी है जैसे,भोर होते ही सूरज की किरणें,धरा पर बिखरने को बेताब रहते है,औरपढ़ना जारी रखें “तेरी आदत”
- पुरानी यादेंपुरानी यादें,जैसे सूखे हुए फूल,जो अब मुरझा गये है,पर अस्तित्व में है वो अब भी,उसकी सूखीपढ़ना जारी रखें “पुरानी यादें”
- हर वो शामहर वो शाम,खुबसूरत होती है,जब-जब तुम्हें याद करती हूँ,आँखें खुबसूरत लगती है जब,तुम्हें याद कर आँसूपढ़ना जारी रखें “हर वो शाम”
- खामोशी आ बात करेखामोशी आ बात करे,कुछ अपनी कहना थोड़ी मेरी सुनना,सुनो कितना मुश्किल है खामोश रहना,कितना आसान हैपढ़ना जारी रखें “खामोशी आ बात करे”
- दिल तलाशता हैदिल तलाशता है,सुकून के पल,छोटा सा पल,पलछिन ही हो,मेरे आँचल में आये,पकड़कर रखना चाहती हूँ,पर वोपढ़ना जारी रखें “दिल तलाशता है”
- उम्मीदों के आसारउम्मीदों के आसार,कभी खत्म नही होते,पत्तों पर गिरी बारिश की बूँदों में दिखते है,सुबह की सूरजपढ़ना जारी रखें “उम्मीदों के आसार”
- कोमलफूल सा जीवन कोमल क्यों नही है,जीवन की कोमलता पंखुरीयों जैसी हो. . . – छाया
- हवाओंरोक लो इन हवाओं को, मेरे ख्वाब गुजरने वाले है यहाँ से, कही ये उनका रास्तापढ़ना जारी रखें “हवाओं”
- मजदूरमैं श्रमिक हूँ . . . मजदूर नही ! प्रत्येक व्यक्ति की तरह में श्रम करतापढ़ना जारी रखें “मजदूर”
- आजआज गुलाब ने भी कह दिया,हँसती रहा करो खिली-खिली दिखोगी,मैंने भी हामी भर दी . .पढ़ना जारी रखें “आज”
- मेरे दिलमेरे दिल तुम,हमेशा खुश रहना,प्रयास करूँगी,तुम्हें हमेशा खुश रखुं,प्यार करूँ आहत ना करूँ,खुबसूरत अहसासों को तुझमेंपढ़ना जारी रखें “मेरे दिल”
- दस साल बाद एक मुलाकात . . . लघुकथाअरे तुमने बाल कटवा लिये . . रवि ने कहा ! पिहू बोली – हाँ. .पढ़ना जारी रखें “दस साल बाद एक मुलाकात . . . लघुकथा”
- उम्मीद की रोशनीउम्मीद की रोशनी से भरी हुयी है जिंदगी,प्यार की उम्मीद . . लाड़ – दुलार कीपढ़ना जारी रखें “उम्मीद की रोशनी”
- तुम कह कर तो देखतेतुम कह कर तो देखते,हो सकता था मैं सपनों को सजा लेती,बिना किसी प्रश्न के तुम्हारेपढ़ना जारी रखें “तुम कह कर तो देखते”
- रात की तन्हाईरात की तन्हाई ने एक बात कहीं . . .चुपके से कानों में की सो जाओपढ़ना जारी रखें “रात की तन्हाई”
- हत्या . . . लघुकथायहाँ हत्या से ये अर्थ नहीं है कि किसी व्यक्ति को शारीरिक रुप से मार देनापढ़ना जारी रखें “हत्या . . . लघुकथा”
- आसपासहमें अपने आसपास,एक फूलों का बागीचा,बना कर रखना चाहिये,जिसकी महक से हमारे,मन का हर अवसाद दूर,होपढ़ना जारी रखें “आसपास”
- सोचती हूँ . . .सोचती हूँ चाय से मुझे,इतनी ज्यादा इश्क क्यों,शायद इसलिए कि जब चाहूंदेख पाती हूँ मिल पातीपढ़ना जारी रखें “सोचती हूँ . . .”
- सूर्यमुखीसूर्यमुखी अपनी पीली आभा,के साथ सूरज से कहती है सुनो,मैं तुम्हें हमेशा देखती रहना चाहती हूँ,अस्तपढ़ना जारी रखें “सूर्यमुखी”
- फूलों से उधारशब्द मेरे ख्यालों के,वजन से थोड़े भारी हो गये हैफूलों से बात करती हूँ कि,थोड़ा हल्कापनपढ़ना जारी रखें “फूलों से उधार”
- कोशिश . . . लघु कथाआज मैं खुद पर कुछ लिखना चाहती हूँ . . बचपन से ही मैं चाहती थीपढ़ना जारी रखें “कोशिश . . . लघु कथा”
- उम्मीद की आसउम्मीद की एक आस में,चाँद के झूले पर बैठी हूँ,तारों से बात करते – करते,रात होपढ़ना जारी रखें “उम्मीद की आस”
- जीवन का सचजीवन का सच कि,जीवन में किसी पर भरोसा ना करे,खुद पर और ईश्वर पर विश्वास रखे,ईश्वरपढ़ना जारी रखें “जीवन का सच”
- तुम जोतुम जो होते भी तो,मेरे घर की वीरानी नही जाती,हर लम्हा चुपचाप सा सन्नाटा लिये हुये,जैसेपढ़ना जारी रखें “तुम जो”
- मेरी चायजब मैं चाय के साथ होती हूँ,तब तो नज्मों के साथ हो पाती हूँ,नही तो हमपढ़ना जारी रखें “मेरी चाय”
- आज तुम . . . .आज तुम मेरे पसंदीदा रंग की साड़ी पहनी हो,जूड़े में फूल भी लगायी हो वो भीपढ़ना जारी रखें “आज तुम . . . .”
- दिन बीत गया . . .दिन बीत गया पर,मेरी ख्वाहिशों का गुल्लक,आज भी खाली ही रह गया,तमन्नाओं का एक – एकपढ़ना जारी रखें “दिन बीत गया . . .”
- ख्वाहिशों के पंखख्वाहिशों के पंख,देखा है मैंने तितलियों में ,उड़ती है हवाओं से बातें करते हुये,सोचती है किपढ़ना जारी रखें “ख्वाहिशों के पंख”
- गर्मी की छुट्टियाँ . . . लघुकथागर्मी की छुट्टियाँ सबके लिये यादगार होती है ! हमें भी बचपन में इसका इंतजार रहतापढ़ना जारी रखें “गर्मी की छुट्टियाँ . . . लघुकथा”
- क्यों रुकूंमैं क्यों रुकूं,जब रास्ता मेरे सामने है,बाँहें फैला कर मुझे बुला रहा,कह रहा चलो तुम मेरेपढ़ना जारी रखें “क्यों रुकूं”
- रात की तन्हाईरात की तन्हाई ने एक बात कहीं, चुपके से कानों में की सो जाओ, चाँद भीपढ़ना जारी रखें “रात की तन्हाई”
- वो खुबसूरत ख्यालवो खुबसूरत ख्याल,कभी आँखों में बस जाते है,कभी बालों में उलझ जाते है,कभी मेरी नींद हीपढ़ना जारी रखें “वो खुबसूरत ख्याल”
- आखिरी चाय . . . लघुकथामुझे ठीक से तारीख तो याद नहीं पर मई का महीना था . . और .पढ़ना जारी रखें “आखिरी चाय . . . लघुकथा”
- वक़्त – बे -वक़्तवक़्त – बे – वक़्त, बदलते मेरे मिजाज – ए – मौसम, खैर कोई पूछे, इसपढ़ना जारी रखें “वक़्त – बे -वक़्त”
- खुद से वादाखुद से वादा किया है,कभी उदास ना होने का,मुस्कुराने का वादा किया है,परेशानियों से हँस केपढ़ना जारी रखें “खुद से वादा”
- काँटेअगर तेरा साथ हो तो ऐ जिन्दगी,तो हर रास्ता हम तय कर लेंगें,पथ पर पग –पढ़ना जारी रखें “काँटे”
- शामशाम होने वाली है,विहग भी अपने घोंसलों की ओर उड़ चले,सूरज भी पश्चिम दिशा में अस्तपढ़ना जारी रखें “शाम”
- नि:शब्दकुछ रातें ऐसी होती है,बस खुबसूरत . . कोई शब्द नही,नि: शब्द . . चाँद तारोंपढ़ना जारी रखें “नि:शब्द”
- तुमसे बातेंतुमसे बात करना जैसे,बस बातें करते जाना,समय की कोई सीमा ना हो,वक़्त को हाथों से पकड़पढ़ना जारी रखें “तुमसे बातें”
- ठोकरकभी – कभी ठोकर लग ही जाती है,गिर जाते है हम सम्भलते – सम्भलते,फिर भी उठतेपढ़ना जारी रखें “ठोकर”
- मुझे तुम्हारी यादमुझे तुम्हारी याद आती है जैसे,मैं बारिश में भींग रही हूँ,और तुम्हारा प्रेम बूँद-बूँद,बनकर मुझपर गिरपढ़ना जारी रखें “मुझे तुम्हारी याद”
- रात के कुछ पलरात के कुछ पल,जो सिर्फ मेरे हिस्से के है,उन पलों में शब्दों से बातें करती हूँ,एकपढ़ना जारी रखें “रात के कुछ पल”
- डायरीडायरी खोली तो,पहले पन्ने पर ही,शब्दों की ऐसी माला थी,जो कभी मेरे दिल से गुजरी थीपढ़ना जारी रखें “डायरी”
- कोमलताकोमलता तुम हमेशा मेरी शक्ति बने रहना,कोई समझे ना समझे तुम मुझे समझना,तन ही नही मेरेपढ़ना जारी रखें “कोमलता”
- प्रिय पिताजीप्रिय पिताजी,आप है तो सारी खुशियाँ मेरी है,ग़म का तो करोबार ही ठप्प हो गया,वो मेरेपढ़ना जारी रखें “प्रिय पिताजी”
- अभी – अभीरात अभी – अभी,बस मेरे पास आयी और मुस्कुराई,बोली प्यार से लोरी सुनाऊँ तुम्हें,परियों के जहाँपढ़ना जारी रखें “अभी – अभी”
- उदासीउदासी पानी की तरह है,कोई रंग नही बेरंग,जीवन में आता रहता है,बुलबुला की तरह उठता है,फिरपढ़ना जारी रखें “उदासी”
- मुझे लगता थामुझे लगता था हमेशा,सबकुछ वहीं होगा जो सोचते है,यही हमारी खुद से लड़ाई होने लगती है,परपढ़ना जारी रखें “मुझे लगता था”
- सूखी पत्तीमैं सूखी एक पत्ती हूँ,पेड़ से अलग खुद की खोज,मेरा अपना कोई अस्तित्व नही,ठुकराए जाने परपढ़ना जारी रखें “सूखी पत्ती”
- पिता से सीखामैंने अपने,पिता से सीखा,सकारात्मक रहना,प्रयास करते रहना,धैर्य बनाये रखना,कर्म करते जाना, जीवन जीने की,यही कला है .पढ़ना जारी रखें “पिता से सीखा”
- जिंदगी परीक्षा हैजिंदगी परीक्षा की तरह है,प्रश्नपत्र मिलते रहेगे,हम जवाब लिखते रहेंगे,परीक्षाफल भी आते रहेगे,हमेशा तैयारी जारी रखेपढ़ना जारी रखें “जिंदगी परीक्षा है”
- खो दिया मैंनेखो दिया मैंने,कुछ तो था जिसे खो दिया मैंने,एक दर्द जिसे बिनबुलाये पा लिया मैंने,जो नहीपढ़ना जारी रखें “खो दिया मैंने”
- कभीकभी गुलाब ये नही कहती,खुशबू समेटे है खुद में कितना,हम ही बार-बार उसे याद दिलाते हैपढ़ना जारी रखें “कभी”
- पहला ख्यालसुबह का पहला ख्याल,शाम की पहली ख्वाहिश हो तुम,मेरी प्यारी चाय पल-पल के सुकून कि,आज़माइश होपढ़ना जारी रखें “पहला ख्याल”
- अतीतअतीत की कुछ यादें,बहुत कड़वी निबोली हो जैसे,बहुत कुरूप डरावना सपना हो जैसे,पर सीख देती हैपढ़ना जारी रखें “अतीत”
- कागज की नावकागज की नाव की तरह, पानी में जाते ही अस्तित्व खोने से, डर जाते है तोपढ़ना जारी रखें “कागज की नाव”
- तुम्हारे ख्यालतुम्हारे ख्याल जैसे,फूलों से मेरी बातें हो रही हो,कह रही हो मुझसे कि देखो,आज कितनी मोहकपढ़ना जारी रखें “तुम्हारे ख्याल”
- खामोशियोंआहटें होती है अनकही बातों की, शोर होता है सांसों का जो अनवरत है,दर्द जो धीरे-धीरे हृदयपढ़ना जारी रखें “खामोशियों”
- बादलोंसपने बादलों की तरह होते है,बहुत थोड़ा सा समय,ले कर आते है हमारे पास,फ़िर छुप जातेपढ़ना जारी रखें “बादलों”
- ओ चाँदओ चाँद मेरे प्यारे चाँद,तुम्हें माथे पर सजा लूँ,बिंदियां बना लूँ तुम्हें मैं,दर्पण में निहारू खुदपढ़ना जारी रखें “ओ चाँद”
- तुम्हेंतुम्हें देखना ज़रूरी तो नही,तुम्हें पाना जरूरी तो नही,तुम्हें भूलना जरूरी तो नही,बस तुम्हें पल-पल नज़रोंपढ़ना जारी रखें “तुम्हें”