प्रिय पिताजी

प्रिय पिताजी,
आप है तो सारी खुशियाँ मेरी है,
ग़म का तो करोबार ही ठप्प हो गया,
वो मेरे पास आने से भी कतराने लगा है,
मेरे मन की सारी भावनायें आपकी कर्जदार है,
बस आपका साथ आशीर्वाद ही मेरी पूँजी है . . .

छाया

7 विचार “प्रिय पिताजी&rdquo पर;

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