आषाढ़ी मेघ

आषाढ़ी मेघ अम्बर को घेरे,
गरज रहे है जोर- जोर से,
जैसे कह रहे हो थोड़ा सुकून,
मुझे भी मिल जाये कि काश, 
चाय का एक कप मिल जाये . . .

छाया

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